PM Pranam Yojana 2023 Online Registration & Application PDF Form Download | पीएम प्रणाम योजना ऑनलाइन आवेदन करें, संबंधित जानकारी हिंदी में
दोस्तों हर महीने फर्टिलाइजर की आवश्यकता की मात्रा मांग के अनुसार बदलती रहती है। यह मांग फसल की बुवाई के समय पर आधारित होती है। उदाहरण के तौर पर यूरिया की मांग जून-अगस्त की अवधि के दौरान सबसे ज्यादा होती है। परंतु मार्च और अप्रैल में अपेक्षाकृत कम हो जाती है। भारत देश के किसानों के लिए एक हम जानकारी है। दरअसल केमिकल फर्टिलाइजर्स के उपयोग को कम करने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने एक नई योजना PM PRANAM Yojana (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) शुरू करने का प्लान बनाया है। प्रस्तावित योजना का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना है। तो भाइयों आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के द्वारा से पीएम प्रणाम योजना 2023 से संबंधित सभी जानकारी को प्रदान करेंगे। यह भी पढ़ें- PM Kisan 12th Installment
पीएम प्रणाम योजना 2023 क्या है?
हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए PM PRANAM Yojana एक नई योजना शुरू करने का फैसला किया है। पीएम प्रणाम (प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) का लक्ष्य रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम करना है। जो 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है पिछले साल के आंकड़े से यह 39% ज्यादा होगा। यह पिछले 5 वर्षों के दौरान देश में समग्र उर्वरक आवश्यकता में तेज वृद्धि को देखते हुए महत्व रखता है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने जिन्होंने PM PRANAM योजना का प्रचार रखा है।
ने 7 सितंबर को आयोजित रबी अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ प्रस्तावित योजना का विवरण साझा किया। मंत्रालय ने प्रस्तावित योजना की विशेषताओं पर उनके सुझाव भी मांगे हैं।
Short Details Of PM PRANAM Yojana 2023
योजना का नाम | PM PRANAM Yojana |
कौन आरंभ करेगा | पीएम नरेंद्र मोदी के माध्यम |
उद्देश्य | रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम करना |
लाभार्थी | भारत देश के किसान |
साल | 2023 |
आधिकारिक वेबसाइट | जल्द आरंभ की जाएगी |
पीएम प्रणाम योजना का उद्देशय (Objective)
PM PRANAM Yojana को आरम्भ करने का प्रमुख उद्देश्य है कि रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ को कम करना। जो 2022-23 में बढ़कर 2.25 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। पिछले साल के 1.62 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े से यह 39 फीसद अधिक होगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना का अलग बजट नहीं होगा। एवं फर्टिलाइजर्स डिपार्टमेंट द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा फर्टिलाइजर सब्सिडी की बचत से वित्त पोषित किया जाएगा। वहीं 50% सब्सिडी बचत को राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार अनुदान का 70% वैकल्पिक उर्वरकों के तकनीकी अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
बाकी बची हुई 30 फीसदी की अनुदान राशि का उपयोग किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए किया जा सकता है। सरकार 1 साल में यूरिया की वृद्धि या कमी की तुलना पिछले 3 वर्षों के दौरान यूरिया की औसत खपत से करेगी। और यही इस योजना को आरम्भ करने का प्रमुख उद्देश्य है।
नई योजना का कोई अलग बजट नहीं होगा
दोस्तों समझा जाता है कि नई PM PRANAM Yojana का कोई अलग बजट नहीं होगा। और इसे उर्वरक विभाग के माध्यम से संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत के द्वारा से वित्त पोषित किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सब्सिडी बचत का 50 प्रतिशत पैसा बचाने वाले राज्य को अनुदान के तौर पर दिया जाएगा। बताया जाता है कि योजना के तहत प्रदान किए गए अनुदान का 70% गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीकी अपनाने से संबंधित संपत्ति निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। शेष 30% अनुदान राशि का इस्तेमाल उन किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूहों को पुरस्कृत करने और प्रोत्साहित करने के लिए किया जा सकता है। जो उर्वरक इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने में शामिल है।
1 वर्ष में यूरिया में एक राज्य की वृद्धि या कमी की तुलना पिछले 3 वर्षो के दौरान यूरिया की औसत खपत से की जाएगी। इस उद्देश्य के लिए उर्वरक मंत्रालय के डैशबोर्ड आईएफएमएस (एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली) पर उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा। आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि 2020-21 में उर्वरक सब्सिडी पर वास्तविक खर्च 1.27 लाख करोड़ रुपए था। केंद्रीय बजट 2021-22 में सरकार ने 79.530 करोड़ रुपये की राशि का बजट रखा था। जो संशोधित अनुमान में बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपए हो गया था। हालांकि उर्वरक सब्सिडी का अंतिम आंकड़ा 2021-22 में 1.62 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
सरकार ने 1.05 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए
चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने 1.05 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। उर्वरक मंत्री ने कहा है कि इस साल उर्वरक सब्सिडी का आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा द्वारा 5 अगस्त को लोकसभा को दिए गए एक लिखित उत्तर के अनुसार चार उर्वरकों की कुल आवश्यकता यूरिया डीएपी (डाय अमोनियम फॉस्फेट) m.o.p. (म्यूरेट ऑफ पोटाश) एनपीकेएस (नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम) देश में 2021-22 में 2017-18 में 528.86 लाख मीट्रिक टन से 21% बढ़कर 640.27 लाख मीट्रिक टन हो गई है। अधिकतम वृद्धि 25.44% डीएपी की आवश्यकता में दर्ज की गई है। यह 2017-18 में 98.77 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2021-22 में 123.9 हो गई हैं।
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले रासायनिक उर्वरक यूरिया ने पिछले 5 वर्षों में 19.64% की वृद्धि दर्ज की है। 2017-18 में 298 एलएमटी से 2021-22 में 356.53 हो गई है।
PM Pranam Yojana Qualities (विशेषताएं)
- भारत देश के किसानों के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को कम करने के लिए पीएम प्रणाम योजना (PM Pranam Yojana) को आरंभ करने का फैसला लिया गया है
- पीएम प्रणाम योजना को शुरू करने का प्रमुख उद्देश्य रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना है।
- जिसके तहत राज्यों को जागरूकता पैदा करने के लिए प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा।
- इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पीएम प्रणाम योजना का बजट अलग नहीं होगा।
- पीएम प्रणाम योजना को अलग-अलग योजनाओं के तहत उर्वरक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्त पोषित किया जाएगा।
- सब्सिडी बजट का 50% पैसा बचाने वाले राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
- PM Pranam Yojana के लिए अनुदान का 70 फीसदी वैकल्पिक उर्वरक तकनीकी अपनाने एवं वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
- बाकी बचा हुआ 30% की अनुदान राशि का इस्तेमाल किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों तथा स्वयं सहायता समूह को पुरस्कृत करने एवं प्रोत्साहित करने के लिए किया जा सकेगा।
पीएम प्रणाम योजना के लाभ (Benefits)
- पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना के द्वारा से फर्टिलाइजर के इस्तेमाल को कम किया जाएगा।
- सब्सिडी की बचत को 50% पैसा बचाने वाले राज्य को अनुदान के तौर पर लाभ दिया जाएगा।
- 30 फीसद का अनुदान किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों एवं स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित करने के लिए लाभ दिया जाएगा।
- किसानों को रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने में सहायता करेंगे।
- भारत देश के किसानों को फर्टिलाइजर प्रोडक्शन यूनिट्स में टेक्नोलॉजी अपनाने एवं बढ़ावा देने के लिए जिला, ब्लाक एवं ग्रामीण स्तर पर सरकार द्वारा खर्च किया जाएगा।
- PM Pranam Yojana के तहत किसानों को फर्टिलाइजर से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
- ताकि उनकी फसलों में वृद्धि हो सके।
- पीएम प्रणाम योजना के द्वारा से देश के सभी किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
- इस योजना के द्वारा से भारत देश के किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा।
पीएम प्रणाम योजना की पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
- आवेदक एक किसान होना चाहिए।
- सिर्फ भारत देश के किसान ही इस योजना के पात्र है।
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
PM PRANAM Yojana 2023 आवेदन प्रक्रिया
दोस्तों हम आपको बता दें कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने PM PRANAM Yojana को आरंभ करने की घोषणा की है। जल्द ही सरकार इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया को सार्वजनिक करेगी। जैसे ही सरकार पीएम प्रणाम योजना 2023 के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया को सार्वजनिक करेगी। तो हम आपको अपने इस आर्टिकल के द्वारा से जरूर सूचित कर देंगे। इसलिए आपसे निवेदन है कि आप हमारे इस आर्टिकल से जुड़े रहे।